इतिहास

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बदरखा सिरवास गाँव का इतिहास


बदरखा सिरवास गाँव पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बुलन्दशहर जिले की शिकारपुर तहसील का एक मध्यम आबादी वाला गाँव है। यह जिला मुख्यालय से 50 किलोमीटर और तहसील मुख्यालय से 18 किलोमीटर दूर स्थित है। इसके पूर्व में रामनगर बीकूपूर, पश्चिम में कुँवरपुर, उत्तर में अहमदपुर, उत्तर पश्चिम में बरोला, उत्तर पूर्व में कीरतपुर और दक्षिण में विशालू गाँव की सीमा लगती है। इन सब गाँवों से पक्की सड़क से सम्पर्क है। इस गाँव का कुल रकबा लगभग 52000 बीघा है जिसमें से लुहाच गौत्र के पास 100 बीघा जमीन है। जमीन समतल और उपजाऊ है। सिचाई के लिए ट्यूबवेल मुख्य स्रोत है। इस गाँव की कुल आबादी लगभग 3500 लोगों की है जिसमें से लुहाच गौत्र के 20 लोग हैं। इस गाँव में लुहाच के अलावा तेवतिया, राजौरा और मलिक गौत्र के लोग हैं जिसमें तेवतिया गौत्र के लोगों की तादाद ज्यादा है। इस गाँव में 4 मन्दिर, 1 तालाब, 1 आंगनवाड़ी और 1 उच्च माध्यमिक विद्यालय है।


बदरखा सिरवास के लुहाच प्रथम पुरुष की निकासी बुलन्दशहर जिले के भैसाखुर गाँव से हुई थी। भैसाखुर गाँव की वंशावली के मुताबिक 5 वीं पीढ़ी के तेज सिंह के चार बेटे थे।तीनों बड़े बेटे हरी सिंह, अमी सिंह  और भागमल सिंह भैसाखुर में ही रह गए जबकि छोटा भाई देशराज अपने सात बेटों के साथ 1981 ईस्वी में बदरखा सिरवास में गए। यहाँ उसने पहले 50 बीघा जमीन खरीद ली और बाद में मेहनत करके  सभी भाइयों ने 50 बीघा जमीन और खरीद ली। इस प्रकार आज लुहाच परिवार के पास इस गाँव में 100 बीघा जमीन है। इस गाँव में लुहाच परिवार की 38 वीं पीढ़ी चल रही है।